रिटायरमेंट के लिए savings एक अहम वित्तीय लक्ष्य है, पेंशन को बुढ़ापे की लाठी के रूप में देखा जाता है। इसलिए लोग अलग-अलग स्कीम्स में निवेश करते हैं ताकि रिटायरमेंट के बाद उनके पास एक अच्छा पेंशन फंड जमा हो सके। बचत का सबसे अच्छा तरीका यह है कि लंबे समय तक थोड़ा-थोड़ा नियमित निवेश किया जाए।आज यहाँ हम NPS vs PPF के बारे में बात करेंगे ।

आज हम आपको 2 पेंशन स्कीम्स के बारे में विस्तार से बताएंगे और देखेंगे कि इनमें से आपके लिए कौन सी स्कीम बेहतर है। लोग आमतौर पर नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) का इस्तेमाल करते हैं, यहां हम इन दोनों प्रोडक्टों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं ताकि आप तुलना ( NPS vs PPF ) कर सकें कि कौन सा प्रोडक्ट आपके लिए उपयुक्त है। हर कोई चाहता है कि उसकी पेंशन महंगाई को मात देने वाली हो, आइए जानते हैं इन दोनों में से कहां निवेश करने पर होगा अधिक फायदा।
सरकार की तरफ से पेंशन सोसायटी को डेवलप करने के मकसद से नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) चलाई जा रही है वही दूसरी ओर PPF में कोई भी निवेश कर सकता है। जानते हैं इसके बारे में:
PPF (पीपीएफ)
PPF या पब्लिक प्रोविडेंट फंड भारत में प्रचलित सबसे लोकप्रिय सेविंग स्कीम्स (बचत योजनाओं) में से एक है। Public Provident Fund केंद्र सरकार की योजना है, इसलिए इसमें निवेश किया गया पैसा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है और रिटर्न की गारंटी भी रहती है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड में छोटी बचत का निवेश करके उस पर रिटर्न हासिल किया जा सकता है। इस प्लान को रिटायरमेंट के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
NPS (एनपीएस)
Nation pension System: रिटायरमेंट के बाद भी आपको नियमित आमदनी होती रहे, इसके लिए पहले से ही तैयारी करते रहना बहुत जरूरी है। अलग-अलग जगह निवेश कर आप अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं। रिटायरमेंट प्लानिंग के लिहाज से निवेश का एक अच्छा ऑप्शन नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) भी है। सरकार की चलाई जा रही यह एक कंट्रीब्यूटरी पेंशन स्कीम है।
एनपीएस (Nation pension System) एक लंबी अवधि का निवेश प्लान है, NPS में निवेश पर रिटायरमेंट पर एक बड़ा फंड (Retirement fund) एक साथ मिलता है। साथ ही आपकी एन्युटी की रकम और उसकी परफॉर्मेंस के आधार पर मंथली पेंशन मिलती है।
रिटर्न कैसे मिलता है?
एनपीएस: निवेशक अलग-अलग तरह के निवेश विकल्प चुन सकते हैं।
पीपीएफ: पीपीएफ के अंदर निवेशक को फिक्स्ड रेट पर ब्याज मिलता है जो हर तीन महीने में सरकार द्वारा तय होता है।
रिटर्न की दर क्या होती है?
एनपीएस: रिटर्न पूरी तरह मार्केट के प्रदर्शन पर निर्भर करता है लेकिन निवेशकों के पास इक्विटी होने के कारण ये अधिक रिटर्न पा सकते हैं।
पीपीएफ: पीपीएफ पर अभी ब्याज दर 7.1 फीसदी सरकार के अंदर आने वाले निवेश विकल्पों में पीपीएफ सबसे ज्यादा ब्याज देने वाले इंस्ट्रूमेंट में से एक है. इसकी ब्याज दरें हर तिमाही बदलती हैं.
निवेश की अवधि?
पीपीएफ: पीपीएफ अकाउंट की मैच्योरिटी की अवधि 15 साल होती है.।
एनपीएस: चूंकि एनपीएस का मकसद रिटायरमेंट के समय उपयोगी होना है इसलिए आपको 60 साल तक निवेश को बनाए रखना पड़ता है। एनपीएस अकाउंट को 70 साल की उम्र तक जारी रख सकते हैं.
सेफ्टी कितनी है?
एनपीएफ: एनपीएस को एनपीएस ट्रस्ट चलाता है. पेंशन फंड नियामक PFRDA ने इस ट्रस्ट को बनाया है. PFRDA पर सरकार का नियंत्रण होता है। जहां तक सेफ्टी का सवाल है तो इसके साथ मार्केट आधारित जोखिम होता है।
पीपीएफ: पीपीएफ निवेश सरकार के अंदर होता है ऐसे में इसके साथ बहुत कम जोखिम होता है।
निवेश करने के लिए उम्र कितनी होनी चहिए?
एनपीएस: एनपीएफ में निवेश करने के लिए निवेशक की उम्र कम से कम 18 साल और ज्यादा से ज्यादा 65 साल होनी चाहिए।
पीपीएफ: पीपीएफ में कोई उम्र की बंदिश नहीं होती है।
मैच्योरिटी कब होती है?
एनपीएस : इसमें रिटायरमेंट की उम्र पर आपको खाते में जुटी रकम का कम से कम 40 फीसदी एन्युटी प्लान खरीदने में लगाना पड़ता है, इससे रेगुलर इनकम होती है। अधिकतम 60 फीसदी तक आप एक बार में निकाल सकते हैं।
पीपीएफ : 15 साल बाद खाते में जमा हुई पूरी रकम (निवेश और इस पर बना ब्याज) आपको एक बार में मिल जाता है।
सेफ्टी कितनी है?
एनपीएफ : एनपीएस को एनपीएस ट्रस्ट चलाता है. पेंशन फंड नियामक PFRDA ने इस ट्रस्ट को बनाया है। PFRDA पर सरकार का नियंत्रण होता है। जहां तक सेफ्टी का सवाल है तो इसके साथ मार्केट आधारित जोखिम होता है।
पीपीएफ : पीपीएफ निवेश सरकार के अंदर होता है ऐसे में इसके साथ बहुत कम जोखिम होता है।
टैक्स बचत
पीपीएफ और एनपीएस दोनों में सालानाा 1.5 लाख रुपये तक टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है
पीपीएफ : आप किसी वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये से ज्यादा निवेश नहीं कर सकते हैं. पीपीएफ पर मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह टैक्स फ्री है.
एनपीएस : एनपीएस में आप सालाना 2 लाख रुपये का डिडक्शन पाते हैं.
पीपीएफ और एनपीएस ( NPS vs PPF )अकाउंट कहा खुलवाएं?
एनपीएस: अगर आप सैलरी के हिस्से के तौर पर एनपीएस में निवेश कर रहे हैं तो आप अपनी कंपनी के जरिये अकाउंट खुलवा सकते हैं। इसके अलावा आप बैंकों, ब्रोकरेज हाउस और अन्य वित्तीय संस्थानों में भी अपना एनपीएस एकाउंट खुलवा सकते हैं।
पीपीएफ: वैसे तो ज्यादतर बैंक पीपीएफ अकाउंट खोलने और निवेश करने दोनों की ऑनलाइन फैसिलिटी देते हैं लेकिन फिर भी पीपीएफ खाता डाकघर की शाखाओं और बैंकों में खुलवाया जा सकता है।
कौन बेहतर?
अगर आप रिस्क लेकर हाई रिटर्न के लिए जाना चाहते हैं तो आपको एनपीएस में निवेश करना चाहिए। वहीं, अगर आप चाहते हैं कि आपका पैसा सुरक्षित रहे है और एक नियमित रिटर्न आपको मिलता रहे तो आपके लिए पीपीएफ बेहतर है।
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